जिससे कि इस मुश्किल दौर में दोनों की तरफ एक साझा पहल हो और दबाव भी कम हो। जिससे कि इस मुश्किल दौर में दोनों की तरफ एक साझा पहल हो और दबाव भी कम हो।
शान-ए-अवध होटल से सपरिवार डिनर करके निकले प्रोफेसर धर्मात्मा...जैसे किसी उच्चवर्गीय व्यवसायी हों...!... शान-ए-अवध होटल से सपरिवार डिनर करके निकले प्रोफेसर धर्मात्मा...जैसे किसी उच्चवर्...
बुरा वक़्त इंसान को कितना समझदार और संतोषी बना देता है। घर के अन्दर ज़रूरतों के बोझ से दबा एक आँसू ज़मी... बुरा वक़्त इंसान को कितना समझदार और संतोषी बना देता है। घर के अन्दर ज़रूरतों के बो...
सुधीर और रघु की दोस्ती की कहानी...। सुधीर और रघु की दोस्ती की कहानी...।
जहाँ वो आज भी रहता है और जहाँ से उसकी भूरी काली आंखें आज भी झांकती है..... जहाँ वो आज भी रहता है और जहाँ से उसकी भूरी काली आंखें आज भी झांकती है.....
मुझे इस समय का याद हीं नही दिलाएंगे अपने आपको पीछे होने का अहसास भी दिलाएँगे। मुझे इस समय का याद हीं नही दिलाएंगे अपने आपको पीछे होने का अहसास भी दिलाएँगे।